देशभक्त
वो देशभक्त थे भारत के ,
जिन्होंने आजादी का दान दिया ।
वो भी लाडले थे किसी मां के,
जिन्होंने सरहद पर बलिदान दिया ।।2।।
बेटे थे वो भी किसी बाप के,
उन पर क्या बीती होगी ?
सुनकर मृत्यु की खबर उनकी,
बीवी कैसे जीती होगी ? 2।।
कौन बैठा कर कंधों पर अपने,
उनके बच्चों को बहलाता होगा ?
देखकर संग पिता दोस्तों के ,
वो अंदर ही घुट जाता होगा ? 2।।
स्थित होती जब नियन्त्रण रहित,
तो सैनिकों को बुलाते हो क्यों ?
जब तुम कुछ कर ही नहीं सकते
तो भारतीय कहलाते हो क्यों ?- 2।।
है भारतीय वही जो इसका मान बढ़ाएं,
सीमा पर ना सही पर देश के कुछ काम आएं,
बन इंजीनियर करें तरक्की
सैनिकों तक सहायता पहुँचाएं।।2।।
बाढ़ आए कहीं पर भी ,
तब सैनिक ही उन्हें बचाते हैं।
फिर किसलिए राजनैतिक लोग, पुलिस में भर्ती करवाते हैं ।।2।।
चौबीस घंटे वो सीमा पर,
नजरें जमाएं बैठे हैं ।
उनके लिए बर्फीला पानी क्यों,
अपने लिए मिनरल वाटर मंगवाते हैं।।2।।
सैनिक नहीं चाहता लड़ना,
ये राजनीतिज्ञ ही लड़वाते हैं।
अपने फायदे के लिए तो,
ये दंगे भी करवाते हैं।।2।।
क्यों तुम इनके तलवे चाटते हो ,
तुम्हारा स्वाभिमान गया कहाँ।
मत रहो उस स्थान पर कभी,
इज्जत-मान ना मिले जहाँ ।।2।।
उठो, जागो, छोड़ो कायरता,
वीर बनकर दिखला दो ।
आस्तीन के साँपों को अब,
मारकर दूर भगा दो।। 2।।
तरक्की करो अपनी तुम इतनी,
कि विश्व में तुम्हारा नाम हो।
जब तक सूरज चंदा चमके,
तब तक ये हिन्दुस्तान हो ।। 2।।
रीना देवी
प्रवक्ता
रा. व. मा. वि.
मांधना, मोरनी (पंचकूला)