खामोशी – khamoshi किसी के लिए रिश्ता तो किसी के लिए चुभन बन जाती है,रिश्ते में जो आ जाए तो हर किसी की घुटन बन जाती है ।ये खामोशी है जनाब किसी का सवाल बनकर रह जाती है,किसी को बिन कहे भी हर जवाब दे जाती है ॥ अज्ञात Share Onain Drive You Might Also Like काश ऐसा कोई मंजर हो जहां Zakham Gehra ho मोहब्बत और मुक्क्दर