मेरी खुशियों में खुशी मेरे दुख को दुख समझता है
वह मेरे संग में हंसता है मेरे संग में रोता है
कितना गहरा है यह रिश्ता मुझे नहीं मालूम
चोट मुझे लगती है दर्द उसको होता है
वह मुझसे दूर होकर भी कभी दूर नहीं होता हैं
याद करती हूं जब भी जैसे पास में होता हैं
पास रहती हूं तो सदा महकती रहती हूँ
दूर उसके जाने पर दिल उदास होता हैं
सारे जहान की खुशियां भर दी उसने झोली में
मैं खोई रहूं सदा उसकी सूरत भोली में
दूर उसके जाने पर मन धीरज खोता हैं
वो मेरे संग में हँसता हैं मेरे संग में रोता हैं
नीलम त्रिखा
पंचकूला हरियाणा
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