तमन्ना

तुझसे मिलने के लिए, कभी तुझे देखने के लिए
थोड़ा तो हौसला दो दिल की बात कहने के लिए

ख्वाहिश भी है डर भी, जिद भी है, ये जरूरी भी
बस हिम्मत नही है लफ्ज बाहर निकलने के लिए

अपने मुहँ से न सही तो आंखों से इजाजत दे दो
कि मैं तैयार हूँ हाँ, तुम्हारे जज्बात सुनने के लिए

कभी कभी ये महसूस होता है, तुम्हें सब खबर है
दिख ही जाता है बादल, भरा भरा बरसने के लिए

तुझे मन ही मन चाह रहा हूँ, मैं गलती कर रहा हूँ
कोई तो सलाह दो, दिल टूटने तुझे भूलने के लिए

मुझे दरवाजे तक छोड़ आना, एहतराम के लिए
गर मैं मांग लूँ तुमसे, मेरे साथ साथ चलने के लिए

अवतार सिंह
जयपुर, राजस्थान

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