ईश्वर के बनाए ये ‘अनमोल ‘ बच्चे हैं ,
सीधे सादे और दिल के कितने सच्चे हैं ,
कमज़ोर न समझना , ये हमसे भी ताकतवर हैं ,
मुश्किलों से लड़ने का इनमें ज्यादा हुनर है ,
वो दर्द में भी इतना खुल के मुस्कुराना ,
वो नाचना, वो गाना , वो फोटो खिंचवाना ,
नमन है उस ज़ज्बे को , जो जीना इन्हें सिखाता है ,
सर ख़ुद ब ख़ुद मेरा, सजदे में झुक जाता है ,
पंख नहीं फिर भी खुली हवा में उड़ना आता है ,
अपने हौसले के दम पर, हर मुश्किल से लड़ना आता है ,
बिना पाँव चलकर , हर राह पार करना आता है ,
हाथों के बगैर भी, बखूबी लिखना आता है ,
न बाहर की चकाचौंध, न आवाज़ सुन पाते हैं ,
बस रूह के संगीत से ही ख़ुद को बहलाते हैं ,
वो बोल नहीं सकते अपने दिल की बात ,
जाने क्या-क्या संजोए बैठे हैं दिल में जज़्बात ,
है ग़ुज़ारिश मेरी सबसे, कि सब उनका सम्मान करो ,
बाँट लो सब दर्द ,उनके होंठों की मुस्कान बनो ,
क्योंकि ….
दुनियां में सबसे बढ़कर ” इन्सानियत” के ही रिश्ते हैं ,
आओ इनसे प्यार करें, आसमान से आए ये नन्हे ” फ़रिश्ते ” हैं ।।
रश्मि सिंगला
लुधियाना पंजाब