दोस्त वही जो मुसीबत में काम आये
दो दोस्त व रीछ की कहानी
बहुत छोटे थे जब पापा ने सिखाया था
कम समझ आया था
खूब अच्छे से रट्टा लगाया था।
तब स्वाल नम्बरों का था
आज स्वाल जिंदगी का।
कुछ नहीं भूला
सब कुछ याद है ।
खुदा की नियामत है
जब भी दोस्त मिले
बहुत अच्छे मिले ।
न छल न कपट
न चित न पट
साफ दिल स्पष्ट ।
एक दूसरे पर हक रखना
हक जमाना
मुसीबत में एक दूसरे के काम आना ।
बस छोटी से है ये प्रभु से प्रार्थना
सभी सुखी रहेंं ये मंगलकामना।
हार्दिक शुभकामनाएं
नीरजा शर्मा
चंडीगढ़
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