प्रेम प्यार में बहते रहना,क्रिकेट क्रिकेट करते रहना।
गणना करते रहना चौके छक्के वाली बरसातों की।
दुश्मन सीमाएं लाँघ लाँघ कर नींद चुराता रातों की।
सुनो सुनो ए राज सियासी परत खोलकर बातों की।
सुध मत लेना भारत के वीर जवानों के मरने जीनें में।
अंग भंग हों,शीश कटे या गोली खाऐं फौलादी सीने में।
तुमको अपना शौक मुबारक वो मुकुट उछालें दिल्ली का।
कोई नहीं सम्मान करेगा कायरता में भीगी बिल्ली का।
बहुत देख ली बाट शांति एवम् अच्छे रिश्ते नातों की
सुनो सुनो ए राज सियासी परत खोलकर बातों की।
एक के बदले दस शीश काटने का पहले वादा था।
या फिर वोट बैंक को पाने का कोई दुष्ट इरादा था।
रोज रोज की यह शहादत अब हमसे वहन नहीं होती।
परिजनों की करुण वेदना हृदय से सहन नहीं होती।
क्यों फूल भेंट करते उनको जो भाषा समझें लातों की।
सुनो सुनो ए राज सियासी परत खोलकर बातों की।
मेहरू शर्मा प्यासा