मोहब्बत और मुक्क्दर मोहब्बत और मुक्क्दर सताती बहुत है, दूर हो जाए किसी से रुलाती बहुत है । इतना ही फासला है दोनों से मिलने का , मुक्कदर मेहनत से मिलती है और मोहब्बत मुक्कदर से ॥ अज्ञात Share Onain Drive You Might Also Like खामोशी – khamoshi Krishna Krishna Jaane anjaane me