है भगवान दो वरदान
खूब पढ़ूँ ऊँचा उठूँ।
ज्ञान वान बनकर
मातपिता का नाम करू।
मानवता हो धर्म मेरा
सबका मैं सम्मान करूँ।
दया भाव दिल में रहे
पर दुख दर्द दूर करूँ।
विश्व में मेरा चमके देश
ऐसे मैं सत्कर्म करूँ।
इतनी शक्ति मुझे देना
देश पर अपनी जान दूँ।
भारत माता का लाल
भारत माँ की शान बनूँ।
है भगवान दो वरदान
खूब पढ़ूँ ऊँचा उठूँ।
नीरजा शर्मा
चंडीगढ़
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