जीवन में खुद पर विश्वास कुछ कर दिखाने की आस,
शिक्षक ही जगाते है,
आपकी स्वयं से पहचान आपके गुणों का अनुमान ,
शिक्षक ही कराते हैं,
अनेकों जीवन की रूपरेखा अनेकों जीवन की परिभाषा,
शिक्षक ही लिख जाते हैं,
अनगिनत भविष्यों में प्रकाशदीप प्रज्ज्वलित करने का भार ,
शिक्षक ही उठाते हैं ,
सदैव जिह्वा पर विद्यमान जीवन का सार्थक सार,
शिक्षक ही बताते हैं,
वो प्रेरक भी होतें हैं और प्रेरणा भी,
वो मार्ग भी प्रशस्त करते हैं मार्गदर्शन भी,
तभी तो गुरू महान होतें है ,
इंसान होतें हुए भी भगवान से प्रधान होते हैं।
*आकांक्षा राव*
कक्षा 12वीं
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