अलविदा ना कहो इन भीगी आंखों से…
मैं लौट कर आऊंगा मेरा वादा है ।
हे भारत मां , जरा भी मायूस ना हो…
तेरे दिल से यूं ना जाऊंगा मेरा वादा है।
आज इन हवाओं में बेशक नमी है।
मेरे जाने से दोस्तों में गमी है ।
भर आए हैं गले ,सांसें भी थमी है।
पर मेरी रूह में मां तेरी शक्ति रमी है।
हंसकर जिया यह जिंदगी सदा …
ऐ जिंदगी तुम्हें ना यूं भूल पाऊंगा मेरा वादा है ।
अलविदा ना कहो इन भीगी आंखों से..
मैं लौट कर आऊंगा मेरा वादा है।
गुजरते रहे दौर महफिलों के।
छूटते रहे मिलते रहे साथ हमदिलों के।
मैं ना रूका ….मै ना झुका …
खुलते रहे दरवाजे बंद किलों के।
ऐ आसमां घमंड ना कर अपने आप पर
एक दिन तुझे भी जमीन पर झुकाऊंगा मेरा वादा है। अलविदा ना कहो इन भीगी आंखों से…
मैं लौट कर आऊंगा मेरा वादा है।
हे मां तेरे लिए जिया.. तेरे लिए मरा
बस मेरी तो यही कहानी है।
मेरी जिंदगी में ना दिन है ना रात है
चला डगर अकेला ना राजा है ना रानी है ।
बेशक चलाए हैं बाण हृदय पर समय तूने
पर हमेशा की तरह यूं ही मुस्कुराऊंगा मेरा वादा है। अलविदा ना कहो इन भीगी आंखों से…
मैं लौट कर आऊंगा मेरा वादा है।
मौत से ठन गई बेशक जिंदगी की
पर यूं ही मर नहीं जाऊंगा…..
कह दो आसमां से जमीन तक
जीवन मृत्यु के रिश्तो को सदा निभाऊंगा।
थमी हैं सांसें आज बेशक कोई गम नहीं..
पर गीत यूं ही नया गाऊंगा मेरा वादा है।
अलविदा ना कहो इन भीगी आंखों से…
मैं लौट कर आऊंगा मेरा वादा है।
दिनेश पाराशर
हरियाणा ग्रंथ अकादमी, पंचकूला