रूटस्टाक ! जिसे की मूलवृतं भी कहा जाता है क्या होता है ?
दोस्तो रुटस्टॉक , जिसको हिंदी में मूलवृतं बोलते है , दो 2 तरह के होते है ।
- सिडलिग रूटस्टाक
- और क्लोनल रूटस्टाक ।
सिडलिग रूटस्टाक में पौधा बीजो से तैयार होता है ।
इसमे सेब के फल के बीज को मिट्टी में बोया जाता है, जिससे अंकुरण से पौधा तैयार होता है । आमतौर पर हम इसे पाल्टी के नाम से जानते है ।
रुटस्टाक पर विडियो देखने के लिए यहां कलिक करें
क्लोनल रूटस्टाक को पहले से लगे पौधे की जड़ो से विकसित किया जाता है ।
कलोनल रूटस्टाक या जिसे हम क्लोनल मूलवृतं बोलते है, मुख्यत तीन तरह के होते है । ड्वार्फ, सेमी ड्वार्फ और बिगरस रूट स्टॉक ।
दोस्तो रूटस्टाक को लेकर ये कहना गलत है कि रूटस्टाक पर पेड़ बड़ा नही बनता क्योकि सीडलिंग रूटस्टाक पर 40 से 50 फुट की ऊंचाई का पौधा भी तैयार किया जा सकता है ।
सिडलिंग रूटस्टाक पर तैयार पौधे की वृद्धि क्लोनल रूटस्टाक वाले पौधे की वृद्धि से बहुत अलग होती है ।
कम नमी वाली जमीन, और ज्यादा नमी वाली जमीन में लगाने के लिए अलग अलग तरह के रूटस्टाक उपलब्ध है ।
सीडलिंग पर तैयार किये गए पौधों की जड़े मुख्यतः 2 तरह की होती है । ट्रंक रुट और फीडर रुट । पौधे में इन जड़ों का विकास धीमे से होता है । इससे पौधों को जमीन से पोषक तत्व लेने में औसतन ज्यादा समय लग जाता है , जबकि क्लोनल रूटस्टाक में ज्यादातर फीडर रूट ही बनती है, इस वजह से क्लोनल रूटस्टाक के पौधों की जड़े एक समान रूप में जमीन से पोषक तत्व को लेती है जिसके कारण इस पर लगे फलो का आकार और रंग एक जैसा होता है ।
आज बाजार की जरूरत, और बगीचे के रखरखाव संबंधी बातों को ध्यान में रखकर हम किसी भी मूलवृतं या रूटस्टाक पर उन्नत किस्म के सेब के फलो का उत्पादन कर सकते है । इससे जुड़ा विडियो देखने के लिए यहां क्लिक करे ।
जहां पर सिडलिंग रूटस्टाक को हम बीजो से तैयार करते है और क्लोनल रूटस्टाक को इसकी शाखाओं से तैयार किया जाता है ।
मूलवृतं या रूटस्टाक को तैयार करने के लिए हमे मदरप्लांट / मुख्य पौधे की आवश्यकता पड़ती है , जिसकी मदद से बागवान अपने बगीचे के लिए, बिना प्रजातीं में गुण बदलाव किए नए रूटस्टाक पैदा कर सकते है ।