पोथे का करो, जो थोथे करो – पहाड़ी कहानी – स्वर प्रेमी मुखिया

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पहाड़ी लोक संस्कृति अपने आप में बहुत विस्तृत रही है । इस कहानी के माध्यम से आप से अंश मात्र समझ सकते है । इस कहानी को रोहड़ू के रहने वाले प्रेमी मुखिया ने अपना स्वर दिया है ।

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