Apple dwarf rootstock, सेब ड्वार्फ रुटॅस्टाक, प्रकार विशेषताएं और उपयोग

Apple Dwarf Rootstock, सेब ड्वार्फ रुटस्टाक यानी बौनी प्रजाति के क्लोनल मूलवृंत आधुनिक सेब बागवानी का मूल आधार है । वैज्ञानिक तरीके इन मूलवृंत को लगभग 100 साल पहले प्रयोगशाला में विकसित किया गया । भारत में सेब बागवानी की शुरुवात वैसे तो बहुत साल पहले शुरु हो गी थी । भारत मे इसकी शुरुवात बीज से बने मूलवृंतों पर शुरु हुई । जिसे पाल्टी भी कहा जाता है । पिछ्ले  कुछ वर्षों में भारत में सेब के क्लोनल रुटस्टाक को दूसरे देशों से आयात किया गया । आज हमारे देश में बड़े पैमाने पर क्लोनल रुटस्टाक पर आधारित सेब बगीचे स्थापित किए जा रहे है । इससे पहले लेख में हमनें रुटस्टाक के बारे में आधारभूत जानकारी दी है, जिसे आप यहां क्लिक करके देख सकते है । इस जानकारी को आप अभी यूट्यूब पर देखने के लिए यहां कलिक करें ।

इस लेख में हम #dwarfrootstock ड्वार्फ रुटस्टाक के बारे में कुछ जानकारी आपसे साझा कर रहे है । डवार्फ मतलब जो आकार मे छोटे रहते है । Apple Dwarf Rootstock मे मुखय्त: निम्न रुटस्टाक आते है । कलोनल रूटस्टॉक मालिंग M09 , M27 और जिनेवा 16 ( G.16 ) और जिनेवा 65 (G.65) आदि प्रजातियां है । इन प्रजातियों के मूलवृंतों पर लगे सेब के पौधे सामान्य से 30 से 40 फ़ीसदी तक बढ़ते हैं । नमी वाली जमीन पर इस श्रेणी के पौधे के अच्छे परिणाम मिले हैं । इन श्रेणियों के पौधों के बगीचे लगाते समय इन्हें टिकाने के लिए सहारे की आवश्यकता होती है । जिसे Trellis कहा जाता है । क्योंकि इनमें छोटी अवस्था में ही फल लग जाते हैं । इस मूलवृंत की जड़े उथली और कोमल होती है । 

M9 इस रूट स्टॉक पर पौधा ढाई मीटर की ऊंचाई तक बढ़ता है । M 9 का पौधा दो-तीन साल के भीतर ही फल देना शुरू कर देता है । इसके आकार सामान्य पौधों का 30 से 40 फ़ीसदी होता है इस रूटस्टॉक पर तैयार पौधा कॉलर रॉट बीमारी का अवरोधन करता है । M9 रूटस्टॉक पर पौधे में जल्दी फसल आ जाती है और इसे भी सहारे की जरूरत होती है । हालांकि ये रूटस्टाक कम पानी वाली जगह पर कामयाब कम है । क्लोनल रूटस्टाक की ड्वार्फ यानी बौनी श्रेणी के पौधों के बारे में इस लेख में इतना ही । नए लेख हम आपके लिए सेमी ड्वार्फ और बिगरस श्रेणी के रूटस्टाक की जानकारी ले कर आएंगे ।

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