Plant growth regulator ( PGR )

आप जानते ही है कि सेब को लाल करने के लिए बहुत से बागवान
एथेरल® और
ब्लशटीएम का इस्तेमाल करते है । मतलब कि सेब में कलर स्प्रे करते है ।
इसी तरह से
प्रोमोलिन और परलेन को हम सेब के पौधों में अच्छे साईज और फ्रूट सेट के लिए इस्तेमाल करते है ।
MaxCel® या Cilis Plus™
को भी अच्छे फल के आकार के लिए इस्तेमाल किया जाता है ।

पौधे के आकार और टहनियों के विकास के लिए
Apogee® या Kudos®
का इस्तेमाल होता है

अगले सीज़न के लिए पेड़ों पर रिटर्न ब्लूम को बढ़ावा देने के लिए
NAA (Fruitone-L®) का इस्तेमाल किया जाता है ।

फल न देने वाले वृक्षों पर फूल आने को बढ़ाने के लिए
एथेरेल® का इस्तेमाल किया जाता है ।

फल तोड़्ने से पहले फल को गिरने से बचाने के लिए
NAA
Fruitone-L® और Fruit Fix Concentrate का इस्तेमाल किया जा सकता है ।
इसी तरह
रिटेन® ReTain
भी सेबों के तुड़ान से पहले ड्रॉप कंट्रोल करने वाला प्रभावी एजेंट है।

HarvistaTM

फल के पकने को धीमा कर देता है। इससे फल का सीलबंद भंडारण और परिवहन बेहतर हो जाता है ।
इसे फल पर तुड़ान के बाद लगाया जाता है ।
सेब के उत्पादन से जुड़े जिन रसायनों की हम बात कर रहे है , इसे कहते है प्लाण्ट ग्रोथ रेगुलेटर। pgr .
मतलब के पौधे के हार्मोन ।

जैसे किसी इंसानी शरीर की संरचना और विकास पूरी तरह से हार्मोन पर निर्भर होता है उसी तरह से पौधों का संपूर्ण विकास भी हार्मोन पर निर्भर करता है ।

आसान भाषा बोलें तो

प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर (PGRs) ऐसे रसायन है जो पौधों के विकास को हर तरह से संशोधित करने के लिए उपयोग किए जाते है ।
जैसे फल के आकार को बढ़ाना, शाखाओं का विकास, शूट ग्रोथ को दबाना और बढ़ाना , रिटर्न ब्लूम को बढ़ाना, अतिरिक्त फल को हटाना या फलों की परिपक्वता को बदलना।
आपने सुना भी होगा कि कोई दवाई है जिसके इस्तेमाल से ऐसा हो जाता है, वैसा हो जाता है । मतलब के सेब उत्पादन में चमत्कार जैसा कुछ । वो सब होता है पी जी आर से।

पी जी आर को पौधों पर इस्तेमाल करने के दौरान
कई कारक इनके प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं। जिसमें मुख्य रुप से शामिल है

इस्तेमाल के दौरान पौधे द्वारा कितनी मात्रा में इसे अवशोशित किया गया,
पौधे की ताक़त और उम्र कितनी है ,
पौधे को खुराक किस मात्रा मे दी गई,
खुराक का समय क्या रहा,
सेब की किस वैरायटी पर आपने किस पी जी आर का इस्तेमाल किया,
इसके पौधे पर इस्तेमाल से पहले, इस्तेमाल के दौरान और बाद में मौसम की स्थिति कैसी रही
इस तरह के कारक पी जी आर के प्रदर्शन को प्रभावित करते है ।

प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर यानी पीजी आर यानी पादप वृद्धि रसायनों के मुख्यत पांच भाग है

  1. ऑक्सिन, Auxin
  2. जिबरेलिन Gibrellin
  3. साइटोकिनिन, Cytokinin
  4. एब्सिसिक एसिड और Asbasic Acid
  5. एथिलीन Etheline

आसान भाषा में बोलें तो इथरल, प्रोमोलीन , परलेन, एप्लिन इन्ही में से एक केटीगरी के पी जी आर है ।

सेब बागवानी तो आधुनिक तकनीकों से भी होगी। इसलिए थोड़ा विस्तार से समझते है कि किस परिवार के पी जी आर क्या काम करते है ।

ऑक्सिन्स Auxin

ये विकास को बढ़ावा देने वाले पदार्थ हैं जो टहनियों को लंबा करने में योगदान करते हैं, लेकिन ज्यादा खुराक मे ये कलियों के विकास को रोक सकते हैं।पौधे के विकास को बढ़ावा देने के ईलावा, ऑक्सिन शाकनाशी यानी हर्बीसाईड भी हो सकते हैं।
सेब के उत्पादन में नैप्थालेनैसेटिक एसिड (NAA) एक सिंथेटिक ऑक्सिन है जिसका उपयोग फलों को पतला करने और तुड़ान से कुछ समय पहले फलों को गिरने से रोकने के लिए किया जा सकता है।

पीजीआर में दूसरा प्रकार है जिबरेलिन्स:

जिबरेलिन्स (जीए) कोशिका वृद्धि यानी सैल ईलोंगेशन, प्ररोह वृद्धि यानी शूट ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं, और पौधे की सुप्त अवस्था यानी डोरमेसी को विनियमित करने में शामिल होते हैं।
इस ग्रुप से सबंध रखने वाले Promalin®/Perlan® का उपयोग फलों के आकार में सुधार करने और सेब में रसेटिंग को कम करने के लिए किया जाता है।
ProGibb और Falgro का उपयोग फल के पकने में देरी, फलों की दृढ़ता और ठोसपन में सुधार और मीठे चेरी में फसल की अवधि बढ़ाने के लिए किया जाता है।
अधिक उत्पादन से बचने के लिए फूलों को प्रबंधित करने के लिए तीखी चेरी में जिबरेलिन का उपयोग किया जाता है।
Apogee या Kudos® का उपयोग पेड़ों (सेब और चेरी) के पेड़ों में टहनीयों के आकार को प्रबधित करने और स्ट्रॉबेरी में रनर उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।

तीसरा प्रकार है साइटोकिनिन:

साइटोकिनिन कोशिका विभाजन को बढ़ावा देते हैं। साइटोकिनिन ब्रांचिंग और कली दीशा को उत्तेजित करने में शामिल होते हैं। इनका उपयोग सेब में फलों को पतला करने वाले Maxcel® या Cilis Plus® के रूप में किया जाता है।

चौथा पी जी आर प्रकार है एब्सिसिक एसिड:

एब्सिसिक एसिड कलियों और बीजों की निष्क्रियता को नियंत्रित करता है, टहनियों के विकास को रोकता है और पौधों से पानी के नुकसान को नियंत्रित करने में शामिल होता है।

पांचवी केटीगरी है एथिलीन

एथिलीन पत्तियों और फलों का पौधे पर समय निशिचित करते है , ये नई टहनियों के बढ़ाव को रोकता है और अतिरिक्त कलियों के विकास को रोकता है।
सेब और चेरी में, एथिलीन फलों के शारीरिक रूप से परिपक्व होने से लेकर पकने तक के क्रम में शामिल होता है। Ethephon (Ethrel®) एक सिंथेटिक यौगिक है जो लगाने पर एथिलीन छोड़ता है। इसी तरह रिटेन एथिलीन बायोसिंथेसिस के साथ हस्तक्षेप करता है और फलों को पेड़ों पर लंबे समय तक लटकाए रखता है और भंडारण जीवन को लंबा करता है।मतलब कि फल को ज्यादा समय तक स्टोर किया जा सकता है ।

पीजीआर आप तक एक उत्पाद के रुप में पहुचता है किसी कंपनी द्वारा । आप सोशल मीडिया पर इस बारे में देखते भी होगें । हमारे देश भारत में पी जी आर को फल और सब्जियों पर इस्तेमाल करने के अभी तक कोई साफ दिशा निर्देश नही है ।
हे बागवान दोस्तों ये थी एक सरसरी नजर पी जी आर पर, जिसे आप सेब और अन्य फलों की बागवानी में इस्तेमाल करते है ।
इस लेख में इतना ही । पी जी आर के उपयोग पर आप अपना कीमती अनुभव हमसे कमेंट के रुप मे जरुर साझा करें।
इस लेख से अगर आपको वल्यू मिली हो तो हमें स्पोर्ट करें ।
फिर मिलेंगे अगले किसी नए लेख में , तब तक आप अपना ख्याल रखिए और बनाते रहिए अपनी बिंदास आएचर्ड डायरी ।

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