रेत के रिश्ते          

               एहसान न ले किसी का एहसास हो ही गया है। जीवन के हर सफर में, कुछ खो गया है। रिश्तों को समेटने में…

Comments Off on रेत के रिश्ते          

नारी 

#  ###### मनुष्य क्यों करता है नारी का अपमान, आखिर वो भी तो है एक इंसान । नारी कितने दुखों को सहती, फिर भी ना किसी से कुछ कहती। यही…

Comments Off on नारी 

एक बिखरी आह !

कितनी तमन्ना थी, कितनी हसरतें थी, महकती वसुंधरा पर नाचूँ कभी, मन उछल-उछल प्रफुल्ल होता, भँवरों के संग गाँउ कभी । फ़ीकी स्याही-सी तक़दीर मेरी, जो बेटी बन के जन्म…

Comments Off on एक बिखरी आह !

मातृभाषा-हिंदी

#  ###### हिंदी पर है गर्व हमें, हिंदी हमारा अभिमान है। चौदह सितंबर को संविधान में, मिला इसे ये सम्मान है।-(2) हिंदी का है ऐसा अपनापन , कि पराए भी…

Comments Off on मातृभाषा-हिंदी

देशभक्त

देशभक्त वो देशभक्त थे भारत के , जिन्होंने आजादी का दान दिया । वो भी लाडले थे किसी मां के, जिन्होंने सरहद पर बलिदान दिया ।।2।। बेटे थे वो भी…

Comments Off on देशभक्त

शिक्षक

जीवन में खुद पर विश्वास कुछ कर दिखाने की आस, शिक्षक ही जगाते है, आपकी स्वयं से पहचान आपके गुणों का अनुमान , शिक्षक ही कराते हैं, अनेकों जीवन की…

Comments Off on शिक्षक

Teachers

हमारे सभी teachers हैं बहुत ही best, बच्चों से पढ़ने की करते हैं वो पढ़ने की request. जिन्होंने दिखाया हमें जिंदगी का रास्ता, फिर बाद में हम कैसे कह देते…

Comments Off on Teachers

प्रश्न-पत्र

जब मैं जांचने बैठी अपने जीवन का प्रश्न पत्र तब देखा कि मेरे तो अधिकतर जबाव सही ही थे पर नम्बर कम मिले थे या तो मेरे उत्तर उनको समझ…

Comments Off on प्रश्न-पत्र

दिव्यांग बच्चों  के  साथ  बिताये  हुए  कुछ  पलों  का मेरा अनुभव 

श्री  बालाजी आश्रम  में  दिव्यांग बच्चों  के  साथ  बिताये  हुए  कुछ  पलों  का मेरा अनुभव  ..  फ़रिश्ते ईश्वर  के  बनाए ये  'अनमोल ' बच्चे  हैं , सीधे  सादे  और  दिल …

Comments Off on दिव्यांग बच्चों  के  साथ  बिताये  हुए  कुछ  पलों  का मेरा अनुभव 

*मेरा भारत महान*

जल, वायु में आग है, आग में पानी है बंजर है सारी धरती, बादल बिन पानी है मेरा भारत महान, झूठी एक कहानी है | पेट में आग है, आँख…

Comments Off on *मेरा भारत महान*

मेरे ख्वाबो ने तुम्हे अपनाया बहुत है

मेरे ख्वाबो ने तुम्हे अपनाया बहुत है फूलों ने खुशबों  को सुलाया बहुत है बेववक्त छेड़कर मेरी यादों को तूने ठहरे खारेपानी को हिलाया बहुत है चातक सा प्यासे बादल…

Comments Off on मेरे ख्वाबो ने तुम्हे अपनाया बहुत है

*ख़त*

आज गाँव से एक ख़त आया कागज़ में समेट, मिट्टी की खुशबू, बचपन की यादें, और स्याही में लपेट, माँ के आँसू भी लाया | लिखा था, कब आओगे? जब…

Comments Off on *ख़त*