तमन्ना

तुझसे मिलने के लिए, कभी तुझे देखने के लिए
थोड़ा तो हौसला दो दिल की बात कहने के लिए
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प्रभु

मैं राधा नहीं मीरा बाई भी नहीं मैं तो हूँ दासी । हे प्रियतम मैं कह नहीं पाऊँ हूँ काम काजी। कैसे बनूँ मैं मीरा जैसी दिवानी गृहस्थ मैं। मुँह…

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अक्स

  कितना साथ देती है हंसते हुए चेहरे से हंसना रोते हुए चेहरे में खुद को वैसा बना लेना, क्रोध भी हो तो, साथ-साथ रहना हर्ष के माहौल में शालीनता…

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प्यारा गाँव

बरगद के पेड़ अक्सर मुझको है बुलाते हरे भरे लहराते खेत मुझको है लुभाते में शहर बसु पर गांव मुझे बुला रहा प्रेम प्यार की मीठी बातें याद दिला कर…

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 महानता

______________ जिनकी महानता धुल जाती है तन पर चिपटे रंगों सी समय की बरसात में, कम से कम उनकी रूह सुकून पाती होगी कब्रो में । वो लोग जो सजीव…

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नारी 

दुधमुंहे बच्चे को छुड़ाकर उसके मुंह से शीशी लगाकर तुम उठ बैठी हो मुंह अंधेरे और दैनिक क्रियाओं से निवृत हो तुमने दे दिया है मुंह चूल्हे में । हां…

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दोस्त

दोस्त वही जो मुसीबत में काम आये दो दोस्त व रीछ की कहानी बहुत छोटे थे जब पापा ने सिखाया था कम समझ आया  था खूब अच्छे से रट्टा लगाया…

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फैसला

फैसला था दिल का वह दिमाग से कर गया रेत का था महल पल में गिर गया कभी दिल की बात जुबां पर लाई तो होती दोराहे पर चल रहे…

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मुक्ति 

मर कर ही नहीं मिलती मुक्ति शरीर से है ही नहीं मुक्ति का नाता बस! मन का खेल निर्लिप्त रह कर देखना है सब नाटक कहीं कोई प्रतिक्रिया नहीं। निर्देशक…

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परी – संवाद 

हमारे शहर में सरकारी छत्र छाया में अक्सर ऐसी  विशिष्ट  साहित्यिक संगोष्ठियाँ आयोजित होती रहती हैं जिनमें अधिकांशतः केवल साहित्यकार ही भाग लिया करते हैं।  इक्का दुक्का जो गैर साहित्यकार…

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परिवर्तन

दे एक हथौड़ा और मार एक प्रहार लगा जोर हो प्रबल भरोसा, तो तोड़ कर खत्म रुकावट, रुख मोड़ । मत हो दुर्बल, भगत सोच है तू आजाद, आजाद सोच…

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