सैनिक स्कूल, मिलिट्री स्कूल, और आर्मी स्कूल तीनों अलग-अलग प्रकार के स्कूल हैं, जिनका उद्देश्य बच्चों को शिक्षा प्रदान करना है, लेकिन इनकी व्यवस्थाएं, पाठ्यक्रम और उद्देश्य अलग-अलग हैं।
1. सैनिक स्कूल (Sainik Schools):
- स्थापना: 1961 में भारत सरकार द्वारा।
- उद्देश्य: राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए छात्रों को तैयार करना।
- प्रबंधन: सैनिक स्कूल सोसाइटी, जो भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन है।
- लक्ष्य: विशेष रूप से ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को रक्षा सेवाओं के लिए तैयार करना।
- शिक्षा: CBSE पाठ्यक्रम का अनुसरण करते हैं।
- प्रवेश:
- अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा (AISSEE) के माध्यम से।
- केवल कक्षा 6 और कक्षा 9 में प्रवेश मिलता है।
- सुविधाएं:
- अनुशासन और शारीरिक फिटनेस पर जोर।
- रक्षा क्षेत्र के लिए विशेष प्रशिक्षण।
2. मिलिट्री स्कूल (Military Schools):
- स्थापना: 1925 में ब्रिटिश राज के दौरान।
- उद्देश्य: भारतीय सेना के अधिकारियों और सैनिकों के बच्चों के लिए शिक्षा प्रदान करना।
- प्रबंधन: ये स्कूल भारतीय सेना के अधीन हैं।
- लक्ष्य: छात्रों को भारतीय सेना में करियर के लिए प्रोत्साहित करना।
- शिक्षा: CBSE पाठ्यक्रम का अनुसरण करते हैं।
- प्रवेश:
- केवल लड़कों को प्रवेश दिया जाता है।
- प्रवेश प्रक्रिया कक्षा 6 के लिए होती है।
- प्रवेश परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर।
- विशेषता: मिलिट्री स्कूल का नाम अब “राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल” (RMS) हो गया है।
3. आर्मी पब्लिक स्कूल (Army Public Schools):
- स्थापना: 1983 में।
- उद्देश्य: सेना के अधिकारियों और जवानों के बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना।
- प्रबंधन: भारतीय सेना के आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी (AWES) द्वारा संचालित।
- लक्ष्य: सैनिकों और अधिकारियों के बच्चों के लिए सामान्य शिक्षा प्रदान करना।
- शिक्षा: CBSE पाठ्यक्रम का अनुसरण करते हैं।
- प्रवेश:
- सेना से संबंधित बच्चों को प्राथमिकता दी जाती है।
- नागरिक बच्चे भी सीट उपलब्ध होने पर प्रवेश ले सकते हैं।
- विशेषता:
- अकादमिक और सह-शैक्षिक गतिविधियों पर जोर।
- रक्षा सेवाओं से सीधा जुड़ाव नहीं है।
मुख्य अंतर:
विशेषतासैनिक स्कूलमिलिट्री स्कूलआर्मी पब्लिक स्कूलप्रबंधन रक्षा मंत्रालय भारतीय सेना आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी प्रवेश लड़के और लड़कियां केवल लड़के लड़के और लड़कियां पाठ्यक्रम CBSE CBSE CBSE लक्ष्य NDA और रक्षा सेवाएं सेना में भर्ती सामान्य शिक्षा शारीरिक प्रशिक्षण अनिवार्य अनिवार्य वैकल्पिक उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि ग्रामीण और सामान्य सेना के बच्चों पर जोर सेना और नागरिक दोनों
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