Orchard Diary

बागवानी से

ग़ज़ल

ग़ज़ल

s72023Aug 27, 20181 min read

*ग़ज़ल* बिन रिश्वत नै आने वाले। क्या बिजली क्या थाने वाले।हर दफ्तर का हाल यही है लुट के आएँ जाने वाले।राजनीति में मिलते हमको सब के सब भड़काने वाले। नयन तुम्हारे बोल रहे हैं मन का दर्द छुपाने वाले। यूँ…

सूरज और दीया

सूरज और दीया

s72023Aug 27, 20181 min read

  सूरज और दीया—————-डूबते सूरज ने कहामैं भी आराम चाहता हूँमेरे अभाव मेंकौन ?प्रश्न जटिल थाहर कोईमौन !!!कुछ देर सन्नाटे मेंरहा पूरा संसारफिर कांपती सीआवाज़ आईमैं कोशिश करूँगामैं हूँ तैयार।सबने देखाएक नन्हा सा दीयाटिमटिमा रहा थाअँधेरे को चीरताजगमगा रहा था।सबल…

“मेरी बहना”

“मेरी बहना”

s72023Aug 27, 20181 min read

“मेरी बहना” सुंदर -सी राखी बंधवाऊँगा, बहना तेरे घर आऊँगा, राखी मेरी लाना तू फूलों वाली, प्रेम से मैं बंधवाऊँगा, बहना तेरे घर आऊँगा। राखी मेरी लाना तू टॉफी वाली, नटखट मैं बन जाऊँगा, बहना तेरे घर आऊँगा, राखी सजाना…

अक्सर

अक्सर

s72023Aug 27, 20181 min read

अक्सर देख कपड़ों से भरी अल्मारी अपार ग्लानि का अनुभव होता है चौगिर्द बिखरी  तस्वीरें नंगी तांडव करती दिखती हैं। तकती हूँ जब नंगे बदनों का अम्बार बेरंग हो जाता है लिपस्टिकों का भंडार लाल, नारंगी, गुलाबी,  रोता ज़ार ज़ार…

वह कौन था

वह कौन था

s72023Aug 26, 20181 min read

उड़ रहा है रंग बालों का आँखों की चमक आवाज़ की खनक सब धूमिल हो रही हैं स्मृति-पटल भी / होता जा रहा है अस्पष्ट-सा नहीं दिख रहा उसपर भी कुछ साफ़ धुंधला होता जा रहा है संसार हो रहा…