और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहाँनी है ।
शायरी – दिल से दिल तक
खामोशी – khamoshi
किसी के लिए रिश्ता तो किसी के लिए चुभन बन जाती है,रिश्ते में जो आ जाए तो हर किसी की घुटन बन जाती है ।ये खामोशी है जनाब किसी का सवाल बनकर रह जाती है,किसी को बिन कहे भी हर…
किसी की बातें आंसू बनकर – kisi ki baatain aansu bankara
किसी की बातें आंसू बनकर बह गई किसी की यादें दर्द बनकर रह गई शिकायत किस्मत के सिवा करती भी किससे आज किसी की नफरत को भी खामोशी से सह गई ॥ अज्ञात
विश्वास एक अटूट बंधन – vishvaas ek attut bandhn
कितना प्यारा वह एह्सास होता है’ कोई दूर होकर भी पास होता है जिंदगी ह्सईन बन जाती है अगर मजबूत खूद का विश्वास होता है ॥ अज्ञात
कितना सकून था – kitana sukun tha
कितना सकून था पिता के आंगन और मां के दामन में स्कूल की पढ़ाई में, भाई – बहन और दोस्तों से लड़ाई में ।वक्त तो बड़ा जालिम होता है जनाब बचपन की यादों में पंहुचा दिया, बुढ़ापे की तन्हाई ने…
मैं और तुम Main aur tum
हर तरफ तुफानों से घिरे है,सकून तेरे आगोश में मिला है,कितनी तन्हा थी इस भीड़ में, तेरे साथ से ये चेहरा खिला है ॥ अज्ञात